लेखनी प्रतियोगिता -03-Dec-2023 "तुम्हीं हो बस मौला मेरे"
'तुम्हीं हो बस मौला मेरे'
तुम ही बचे हो मौला मेरे दुनिया छूटन हारी है।
अब ना कोई साथी संगी ना कोई दरवारी है।।
तेरे मेरे बीच की दुनिया बाक़ी सब ख़ैराती है। रेत की ढेरी में रिश्तें सारे बंजारा मन बारम्बारी है।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Gunjan Kamal
05-Dec-2023 11:26 PM
👏👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Dec-2023 08:17 AM
Nice
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Madhu Gupta "अपराजिता"
04-Dec-2023 08:40 AM
Thank u so much 🙏🙏
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