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लेखनी प्रतियोगिता -03-Dec-2023 "तुम्हीं हो बस मौला मेरे"

'तुम्हीं हो बस मौला मेरे'

तुम ही बचे हो मौला मेरे दुनिया छूटन हारी है। 

अब ना कोई साथी संगी ना कोई दरवारी है।। 

तेरे मेरे बीच की दुनिया बाक़ी सब ख़ैराती है। रेत की ढेरी में रिश्तें सारे बंजारा मन बारम्बारी है।। 

मधु गुप्ता "अपराजिता"

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3 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2023 11:26 PM

👏👌

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Thank u so much 🙏🙏

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